कोरोना वायरस के चलते सबसे पहले कुवैत की मस्जिदों में अज़ान में हय्या अलस सलाह की जगह कहा गया कि पढ़ो नमाज़ अपने घरों में,और ऐलान किया गया कि मुसलमान नमाज़ मसजिद में न आकर अपने घरों में पढ़ें जिससे बीमारी को फैलने से रोका जा सके,उसके बाद दुबई और अब सऊदी अरब सरकार ने भी आदेश जारी कर दिया कि अगले 4 हफ़्तों तक मस्जिदों जे दरवाजे बंद रहेंगे इसलिए जुमे की नमाज़ समेत 5 वक़्त की नमाज़ मस्जिदों में नही होगी इसलिए नमाज़ अपने घरों में पढ़ें और इज्तेमाई(एक जगह इकट्ठा)इबादत से अभी परहेज़ करें,आज लखनऊ से सुन्नी धर्मगुरु मौलाना रशीद खालिद फिरंगी महली और शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने ऐलान किया कि जुमे के नमाज़ मस्जिदों में पढ़ने से परहेज़ करें और मुस्लिम अपने घरों में ही नमाज़ अदा करें,ज़ाहिर बात है आज के हालात को देखते हुवे बहुत बड़ा और जायज़ फ़ेंसला लिया गया है,इससे साफ जाहिर होता है कि इस्लाम मे हालात को देखते हुवे इस तरह के फेंसलो की इजाज़त है,
अब यहां सवाल खड़ा होता है इस्लाम के बड़े मरकज़ दारुल उलूम देवबंद पर की आखिर दुनिया भर के मुसलमानों को सही और इस्लाम की रूह से रास्ता दिखाने वाला मरकज़ अब तक इसपर कोई फ़ेंसला कियूं नही ले पाया है??अगर ये फ़ेंसला गलत है तो दारुल उलूम सामने आकर बताए कि ये फ़ेंसला गलत है और अगर ये सही है तो दारुल उलूम बाकायदा मीडिया के ज़रिए मुसलमानों से अपील करे दरख्वास्त करे फतवा जारी करे कि कोरोना वायरस जैसी नामुराद बीमारी को फैलने से रोकने के लिए मुस्लिम लोग भी सहयोग करें और मस्जिदों में नमाज़ पढ़ने या इज्तेमाई इबादत से तब तक एहतियात करें जब तक हालात सही नही हो जाते,
इस वक़्त ये हालात का तकाज़ा है कि छोटी छोटी बातों पर फ़तवे जारी करने वाला दारुल उलूम इस बड़े मुद्दे पर अपनी राय जारी करे और मुसलमानों की इस मामले में सही रहनुमाई करे जिससे साबित हो कि मुल्क के साथ साथ दुनिया भर की भलाई के हर मुद्दे पर मुसलमान लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और अपना सहयोग हमेशा देता रहेगा,मेरे ख्याल से दारुल उलूम देवबंद को कल जुमे की नमाज़ से पहले इस मुद्दे पर अपना स्टैंड खुलकर सामने रखना चाहिए:::फैसल खान
कोरोना वायरस के चलते सबसे पहले कुवैत की मस्जिदों में अज़ान में हय्या